दे नैनो मे नैन मुस्काना नहीं |

 दे नैनो में नैन मुस्काना नही|



 अदाओ के हत्यार चलाना नही,

 नशे के जाम पिलाना नही,

 हमे होश है ,हमे डूबाना नही,

 मेरा हृदय जैसा पत्तो की इमारत है ,

बन के हवा , यहा वहा टहलना नहीं,

दे नैनो मे नैन मुस्काना नहीं |



 हिरण से लेकर चाल चलना नही ,

कोयल से लेकरं कंठ बोलना नही ,

सावन से लेकर बरखा बरसना नही ,

 मेरा हृदय बर्फ का बना है ,

 बन के आग निकट आना नही ,

दे नैनो मे नैन मुस्काना नही |



 लिखते थे हम ईश्वर पर गजले , तुम्ही को मान बैठे है ,

जैसे वह दिखता नही तुम भी दिखना नही ,

एकांगी खेल है सारा बन कर दुसरा आना नही ,

मन के मंदिर मे हमारे बन कर शराबी घुस जाना नही ,

 मेरा हृदय जैसे राहू- केतु का शरीर है

 तुम बनकर अमृत बरसना नही ,

दे नैनो मे नैन मुस्काना नही|



 बुद्धी की गहराईयो मे छबिया बन कर रहना नही ,

 अंतस की वादियो मे सपने बन कर छाना नही ,

 भावनाओ मे मेरी आसू बनकर टपकना नही ,

 मेरा हृदय जैसे कृष्ण की बासुरी है 

मनमंदिर से उसे चूरा कर बजाना नही ,

दे नैनो मे नैन मुस्काना नही |



 सब समझते है आपके दिवानगी के आयाम

 मगर हमे दिवाना करना नही ,

 एक दफा जो आप पर दिल आ गया, 

फिर दिवानगी की शिकायत जताना नही ,

 हम आपको भी प्रेम की गहराइयो मे ले जायेंगे,

 वापस जाने को फिर कहना नही

 मेरा हृदय जैसे सपने की हकीकत है ,

 सपने से हमे जगाना नही, 

दे नैनो ने नैन मुस्काना नही|


        ....ganesh darode

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