ए मेरे प्रेमी
ए मेरे प्रेमी।
मत करो इतनी वर्षा अमृत की,
मैं झेल नही पाऊंगा l
ना जाणे क्यू भेज दिया मुझे इस खेल मे,
मैं खेल नही पाऊंगा l
आंखों से आंसु बहते है ,
बहते है तो रुकते नहीं ,
जमाना दीवाना कहने लगा हमे ,
हम तो कुछ समझते नही l
इतना भी समझते नही ,ए मेरे प्रेमी l
यह आंसु बिछड़ने के है या मिलन के l
तू ही बतादे कुछ तो सही, कुछ तो
रहम कर ,हम तो तुझको भी जानते नही।
शिकस्त ए दिमाग तो कबका हो चुका ।
दीवाना ए दिल तो कबका हो चुका l
तू क्यों मुझे ऐसे तड़पा रहा ,
यकीन मेरा समय से कबका उड़ चुका l
अस्तित्व मेरा क्यों है ,
क्यों है अस्तित्व सारा?
क्यों है यह नजर ,
और क्यों है यह नजारा?
ए मेरे प्रेमी जरा खबर तो दे
कहा हैं तेरा ठिकाना ।
मैने तो ढूंढना अब छोड़ दिया ,
तू ही मुझे अब ढूंढना ।
पता चल जाए मेरा तो मेरे हमसफर
मुझे जरूर बताना।
~ astitvapremi
Ganesh darode🙏
Nice 👍
ReplyDeleteThnx
DeleteVery nice thought 👍🏻 beutiful lines
ReplyDeleteThnxxx
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